दैवज्ञ पं. नन्दकिशोर शर्मा खैरवाल (दौसा) वाले

राजस्थान प्रान्त के दौसा जिले के एक छोटे से गांव भांडारेज में संवत 1964 शाके 1829, वैशाख शुक्लः 12 गुरुवार, दिनांक 09 मई 1907 ई. को जन्मे दैवज्ञ पं. नन्दकिशोर शर्मा गुरुकुल पद्धति से अध्ययन-अध्यापन एवं अनुसंधान करने वाले अद्वितीय विद्वान थे। ज्योतिष के तीनों स्कन्धों सिद्धान्त संहिता एवं होरा पर आपका पूर्ण अधिकार था। आपने ज्योतिष, धर्मशास्त्र, पुराण, तन्त्र एवं भारतीय प्राच्य विद्याओं का गहन अध्ययन किया। आपके पास कोई विद्वान या सामान्य व्यक्ति अपनी समस्या या जिज्ञासा रखता था तो तत्काल शास्त्रीय प्रमाणों के आधार पर उसका निराकरण करते थे। आपने ज्योतिष शास्त्र का प्रांरभिक अध्ययन ग्राम भांडारेज में किया था। युवावस्था में चौड़ा रास्ते में बाणवालों के चौक में पं. केशव नारायण जी चौबे के पास ज्योतिष, रमल शास्त्र एवं व्याकरण पर विशेष अध्ययन किया। तत्पश्चात् आपने ज्योतिष शास्त्र एवं फलादेश में चमत्कारी प्रयोगों के तांत्रिक साधना के लिये 20 वर्ष नाथूलाल जी मोरीजा वालों के पास साधना प्रारम्भ की। 20 वर्ष की अवस्था में पंडित जी ने इन सिद्धातों की अनुपालना करते हुए अच्छी ख्याति अर्जित कर ली थी।

खगोल शास्त्र के आप मर्मज्ञ थे। रात्रि को तारों, नक्षत्रों, राशियों के विभिन स्वरूपों का प्रत्यक्ष अध्ययन अपने शिष्यगणों को करवाते थे। आपकी स्पष्ट मान्यता थी कि फलादेश देने के लिऐ शास्त्रीय ज्ञान, इष्ट बलसिद्धि साधना गुरुकृपा के बिना ज्योतिषी सही फलादेश नहीं कर सकता है। आप ज्योतिष शास्त्र, तन्त्र, रमल के प्रकाण्ड विद्वान थे। ज्योतिष शास्त्र के सामान्य प्रसंगों से लेकर गूढ रहस्यों तक आपकी पूरी पकड़ थी। इनकी 05 पीढ़ियों से वंश परम्परा में मृत्यु का पूर्वाभास हो जाता था। इस महान आत्मा ने भी 06 माह पूर्व तथा 01 माह पूर्व तथा 08 घटें पूर्व अपनी मृत्यु के आगमन के विषय पर बताकर भीष्म पितामह की शरशय्या का वर्णन करते हुये विक्रमी संवत 2042, आश्विन शुक्ल 07, रविवार तदनुसार दिनांक 20.10.1985 को देहत्याग दिया और इस तरह यह महान् आत्मा इस नश्वर संसार से परमात्मा में विलीन हो गई। आज वे हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके कार्यों और गुणों की महक युगों-युगों तक हमारे बीच रहेगी और युवा पौड़ी को ज्योतिष का मार्गदर्शन देती रहेगी।

 

इनके कुल पॉंच संताने हुई :-

1. वैद्य गोविन्दनारायण शर्मा
2. पण्डित भारतेन्दु शर्मा
3. पण्डित आर्यमुकुट शर्मा
4. पण्डित चन्द्रशेखर शर्मा, सचिव : अखिल भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान, जयपुर
5. शारदा देवी